बहुत समझाया, मिन्नतें की, हद से भी ज्यादा सारी हदें पार की, कोशिश की, सलामत रहे रिश्तों का डोर, पर तुमने जरा सी भी कोशिश ना की । सफर दोनों का था फिर क्यूँ तन्हा छोड़ा, नाजुक दिल शीशे सा तोड़ा, जुदाई, लोगों की सुनी थी अब तक, बदनाम कर बेवफा कह छोड़ा । अब जब छोड़कर चले गये हो मुड़कर ना पीछा किया करो, *तेरी जुदाई* का सफर, अकेले काट रहे हैं, ख़्वाबों में आकर अपनी याद, ना दिलाया करो |
Mohammed urooj khan
17-Apr-2024 11:47 PM
👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾
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Babita patel
16-Apr-2024 05:29 AM
Amazing
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hema mohril
16-Apr-2024 05:06 AM
V nice
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